CBSE CLASS 10 BOARD 2024 ALL IMPORTANT QUESTIONS

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सेवा में,
श्रीमान् प्रधानाचार्य,
राजकीय बाल विद्यालय,
आनन्द पर्वत,
दिल्ली।
विषय: विद्यालय छोड़ने पर प्रमाण पत्र हेतु।
महोदय,
मैंने इसी वर्ष आपके विद्यालय से सातवीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की है। मेरे पिता जी भारत सरकार के कार्यालय में अधिकारी हैं। उनका स्थानान्तरण दिल्ली से देहरादून हो गया है। हमारा सारा परिवार दिल्ली से जा रहा है। हमारे विद्यालय में छात्रावास (होस्टल) की भी कोई व्यवस्था न होने के करण मेरा यहाँ पर अकेले रहकर पढ़ पाना असम्भव है।
आप से अनुरोध है कि मुझे ‘विद्यालय छोड़ने का प्रमाण पत्र’ देकर कृतार्थ करें। जिससे मैं देहरादून जाकर किसी अच्छे विद्यालय में प्रवेश ले सकूं। मैंने विद्यालय की पुस्तकें लौटा दी हैं और मुझ पर किसी प्रकार का शुल्क बकाया नहीं है।
धन्यवाद।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
दिलीप
कक्षा -आठवीं ‘ब’
अनुक्रमांक – 25
दिनांक – 26, 6, 2017
A
सेवा में,
प्रधानाचार्य जी,
न्यू रॉकलैंड पब्लिक स्कूल,
लाल कुआं, नई दिल्ली-110044।
विषय– आर्थिक सहायता हेतु प्रार्थना–पत्र।
महोदय,
सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय की दसवीं (डी) कक्षा की विद्यार्थी हूं। इस पत्र के माध्यम से मैं आपसे आर्थिक सहायता के लिए प्रार्थना कर रही हूं।
मेरे पिताजी एक साधारण दुकानदार हैं। पिछले दिनों सीलिंग के कारण उनकी दुकान सील कर दी गई है। मानसिक तनाव में वे एक दुर्घटना में अपनी टांग भी तुड़वा बैठे। अब वे एक मास से बिस्तर पर पड़े हैं। घर में कमाने वाला अन्य कोई सदस्य नहीं है। घर के पूरे खर्च तथा दवाइयों के खर्च ने हमारे परिवार को आर्थिक संकट में फंसा रखा है।
घर के खर्च और दवाइयों के खर्च को जुटा पाना बहुत मुश्किल हो रहा है। घर की आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा खराब है। कभी-भी घर में पूरा भरा हुआ सामान नहीं रहता है, कभी कुछ न कुछ खत्म ही रहता है।
आपसे विनम्र प्रार्थना करती हूं, कि आप मुझे आर्थिक सहायता प्रदान करें। जिससे मैं अपने घर के और दवाइयों का खर्च पूरा कर सकूं।
सधन्यवाद,
आपकी आज्ञाकारी शिष्या
शिवानी
कक्षा– दसवीं (डी)
अनुक्रमांक– 20
सेवा में,
स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम
दिनांक-
झाँसी।
महोदय,
मैं इस पत्र द्वारा आपका ध्यान अपने मोहल्ले की गन्दगी और अनियमित सफाई व्यवस्था की ओर दिलाना चाहता हूँ।
यहाँ की इस गली के दोनों कोनों के ‘प्लाट’ खाली पड़े होने के कारण यहाँ गन्दगी के ढेर लग गए हैं। आसपास की गलियों के लोग अपने घर का कूड़ा करकट यहीं डाल जाते हैं। इसकी पिछली सड़क पर भी कई दिनों से सफाई नहीं हुई है। कई छोटे बच्चे गली के पिछवाड़े ही शौच करते हैं। कूड़े-करकट के कारण नालियाँ भी गन्दे पानी से भरी रहती हैं। पानी बहकर रास्ते की ओर आ रहा है, जिससे चारों ओर कीचड़ हो रहा है। परिणामस्वरूप आस-पास दुर्गन्ध फैली हुई है, जिससे यहाँ के निवासियों का जीवन नरकीय बन गया है। साथ ही मच्छर-मक्खियों का प्रकोप भी बड़ गया है, जिससे अनेक रोगों के उत्पन्न होने की आशंका हो गई है।
एक नागरिक होने के नाते मैं अपना कर्त्तव्य समझता हूँ कि इस शोचनीय दशा से आपको अवगत कराऊँ। मुझे भय है कि यदि समय पर कोई कदम न उठाया गया तो महामारी का सामना करना पड़ सकता है। अतः निवेदन है कि आप हमारे मोहल्ले की सफाई का शीघ्र ही नियमित तथा उचित प्रबन्ध कराएँ, ताकि हमें इस नरकीय जीवन से छुटकारा मिल सके।
अग्रिम धन्यवाद सहित ।
प्रार्थी प्रभुदयाल
S-301 सदर बाजार, झाँसी
सेवा में
सहायक अभियंता
बिजली विभाग,
लखनऊ।
विषय: बिजली आपूर्ति की समस्या के लिए पत्र।
महोदय,
हम सभी, विकास नगर लखनऊ के निवासी आपको सूचित करना चाहेंगे कि हमारे इलाके में घंटों तक बिजली नहीं आती। हम पिछले एक वर्ष से शिकायत कर रहे हैं लेकिन इसका कोई स्थाई निवारण नहीं हो सका। शाम के समय तो नियमित रूप से बिजली नहीं आती। रात को अगर बिजली आती भी है तो वोल्टेज इतना धीमे होता है की उससे बत्ती, पंखे कुछ भी नहीं चल पाते। अब तो समस्या और भी विकट है क्योंकि अगले सप्ताह से ही बच्चों की परीक्षा शुरू होने वाली है।
इसलिए, हम सभी आपसे अनुरोध करते हैं की हमारी समस्या का जल्दी से जल्दी निवारण करने की कृपा करें। हम आपकी इस तरह की मदद के लिए आभारी होंगे।
आपके आभारी,
समस्त विकासनगर निवासी
प्रिय भाई सुमित,
सदा सुखी रहो।
इस पत्र के द्वारा मैं तुम्हें परिश्रम के बारे में कुछ लाभ बताना चाहती हूँ। परिश्रम ही एक मात्र सफलता की कुंजी है। मानव जीवन मे परिश्रम का विशेष महत्व है। परिश्रमी मनुष्य कभी परतन्त्र नहीं होता। उसे किसी काम के लिए दूसरों का मुंह नही ताकना पड़ता। परिश्रमी सदैव स्वस्थ, प्रसन्न और प्रत्येक काम करने को तैयार रहता है। ईश्वर सदैव ऐसे व्यक्ति की मदद करता है, जो अपनी मदद स्वयं करते हैं।
विद्यार्थी काल ही भावी जीवन के निर्माण की सीढ़ी है। इस समय यदि तुम परिश्रम करोगे, तो आगे तुम ही सुख पाओगे। जो विद्यार्थी परीक्षा के समय परिश्रम नहीं करते, उन्हें बाद में पछताना पड़ता है। अतः तुम्हें अच्छे अंक लेने के लिए मन लगाकर परिश्रम करना चाहिए।
मुझे आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि तुम मेरे द्वारा बताए रास्ते पर चलोगे तथा परश्रिम करके अपने जीवन को सफल बनाओगे। किसी वस्तु की आवश्यकता हो तो लिखना।
तुम्हारी शुभचिन्तिका,
प्रीति अग्रवाल
झाँसी,
दिनाँक : 21 मार्च, 20XX
श्री परम पूज्य पिताजी,
सादर प्रणाम।
मैं यहाँ कुशल हूँ। विश्वास है कि आप तथा परिवार के अन्य सभी सदस्य भी सुखी और आनन्द होंगे।
आप का स्नेह पूर्ण पत्र मिला, पत्र में आपने मेरी पढ़ाई की प्रगति के सम्बन्ध में पूछा है। इस विषय में निवेदन है कि मेरी पढ़ाई भली प्रकार से आरम्भ हो गई है। मैं नियमित रूप से अपना दैनिक कार्य पूरा कर लेता हूँ, जिससे मुझे सितम्बर मास में होने वाली त्रैमासिक परीक्षा में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होने की पूर्ण आशा है।
एक निवेदन और, इन दिनों मुझे कुछ नई पुस्तकें, कापियाँ, पेंसिल, स्याही आदि लेनी है और कुछ नए बस्त्र भी बनवाने हैं। जिसमें लगभग दो सौ रुपये खर्च होंगे। अतः आप शीघ्र ही उक्त धनराशि मनीआर्डर से भेजने की कृपा करें।
पूज्य माता जी को प्रणाम तथा छोटे बहनों को चिरंजीव कहें। शेष शुभ।
आपका आज्ञाकारी पुत्र
कमलेश
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