CBSE CLASS 10 BOARD 2024 ALL IMPORTANT QUESTIONS

Image
CBSE  CLASS 10   BOARD  2024 ALL IMPORTANT  QUESTIONS  COVERS ALL TOPICS .PRACTICE AND GET FUL MARKS   CBSE Class 10 English Grammar Important MCQs - Gap Filling Choose the correct options to fill in the blanks to complete the note about the wangala Festival of Meghalaya.  1. The Wangala (i) __________ festival for the Garo in Meghalaya, Assam and Nagaland. It is a postharvest festival (ii) __________ the end of the agricultural year. It is popularly known as ‘The Hundred Drums’ festival. During the signature dance, the leading warrior (iii) __________ with synchronised 7 dance steps and specific hand-head movements.  (i) (a) is important  ( b) are an important  (c) was the important  (d) is an important  (ii) (a) being celebrated for marking ( b) celebrated to mark ( c) celebrate to mark  (d) being celebrated for mark  (iii) (a) leads the youngsters ( b) lead the youngsters ( c) was leading the youngsters  (d) had led the youngsters  Answer: (i)  (d) is an important (ii) (b) celebrate

CLASS 6 SOCIAL STUDIES SUMMER HOLIDAYS HOMEWORK

CLASS 6 SOCIAL STUDIES SUMMER HOLIDAYS HOMEWORK     













जम्मू और कश्मीर ,हिमाचल प्रदेश ,पंजाब,उतराखंड,उत्तर प्रदेश,हरियाणा,राजस्थान,मध्य प्रदेश

भारत के पड़ोसी देश के नाम 





परियोजना कार्य 

भारत की पारंपरिक पोशाक

भारत देश एक ऐसा देश है जिसको ‘अनेकता में एकता’ की भूमि कहा जाता है, यह विभिन्न संस्कृतियों, परंपराओं, धर्मों, जातियों, भाषाओं, नस्लों और जातीय समूहों का देश है। इसलिए भारतीयों लोगों की वेशभूषा संस्कृति, परंपराओं, धर्मों, जातियों, भाषाओं के आधार पर अलग अलग हैं। भारत एक संघीय संघ है जिसमें कुल 36 संस्थाओं के लिए 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं। भारत के लगभग 29 राज्यों के वेशभूषा के बारें में यह बताया जा रहा है, जो इस प्रकार है -

1. आंध्र प्रदेश:
आंध्र प्रदेश भारत का एक दक्षिणी राज्य है। यह पूर्व में बंगाल की खाड़ी के साथ तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के साथ अपनी सीमाओं को साझा करता है। "राइस बाउल ऑफ़ इंडिया" कहा जाता है क्योंकि वे चावल बहुत मात्रा में उगाते हैं।

आंध्र प्रदेश को प्रसिद्ध बुनाई और मरने वाले उद्योग के लिए भारत का कोहिनूर माना जाता है। आंध्र प्रदेश का पारंपरिक पहनावा अन्य दक्षिणी भारतीय राज्यों की तरह ही है। पुरुष आमतौर पर कुर्ता और धोती पहनते हैं, जबकि लुंगी भी कुर्ते के साथ पहनी जाती है। मुस्लिम पुरुष धोती के स्थान पर कुर्ता के साथ पजामा पहनते हैं।

आंध्र प्रदेश की महिलाएं साड़ी पहनती हैं और वे मूल हथकरघा साड़ी पहनती हैं, युवा महिलाएँ लंगड़ा वोन पहनती हैं। विवाह समारोहों के लिए, दुल्हन सिल्क की साड़ी पहनती हैं, जो लाल रंग की होती हैं और सोने की सजावट से सजाई जाती हैं, जबकि दूल्हा कुर्ता और पूरी लंबाई की धोती पहनता है।

2. अरुणाचल प्रदेश:
अरुणाचल प्रदेश भारत का उत्तर-पूर्वी राज्य है जिसकी सीमा नागालैंड और दक्षिण में असम से लगती है, जबकि पूर्व में म्यांमार, पश्चिम में भूटान और उत्तर में चीन है। उनकी पोशाक बहुत जीवंत, उज्ज्वल हैं और उनके असंख्य पैटर्न विभिन्न जनजातियों के साथ भिन्न होते हैं। अरुणाचल प्रदेश की पोशाक पूरे भारत में उल्लेखनीय और प्रसिद्ध है।

मोनपा, बौद्ध समुदाय अपनी खोपड़ी की टोपी के लिए प्रसिद्ध हैं, महिलाएं लंबे जैकेट के साथ स्लीवलेस क़मीज़ पहनती हैं। कपड़े की एक संकीर्ण पट्टी होती है जिसे वे अपनी कमर के चारों ओर बाँधते हैं ताकि जगह पर क़मीज़ बाँधी जा सके।

बांस की बाली और चांदी की बालियां बहुत आम हैं। निचली कमला घाटी में रहने वाली जनजातियों की महिलाओं के लिए बहुत ही अजीबोगरीब पोशाक है। वे अपने बालों को अपने माथे के ठीक ऊपर एक गाँठ में बाँधते हैं।

पुरुष रेशम से बने स्लीवलेस मटेरियल को दो किनारों के साथ कंधे के क्षेत्र में पिन करते हैं। कपड़े घुटने से लंबे होते हैं और इसकी बानगी याक के बालों से सजी खोपड़ी-सी होती है।

तांग की जनजाति के लोग पोशाक पहनते हैं जो बर्मी की शैली है। पुरुष सफेद, लाल और पीले रंग के धागे के साथ स्लीवलेस शर्ट और हरे रंग की लुंगी पहनते हैं। महिलाओं ने ब्लाउज के साथ बुना हुआ पेटीकोट पहना। मिजी महिलाएं एक लंबा लहंगा और बड़ी बालियां पहनती हैं।

3. असम:
असम भारत के सात पूर्वोत्तर राज्यों से घिरा हुआ है। पुरुषों के लिए पारंपरिक पोशाक धोती-कुर्ता है, जबकि महिलाओं के लिए वे 'मेखला-चादर' या 'रिहा-मेखला' पहनते हैं।

यह पारंपरिक पोशाक प्रतिष्ठित dress मुगा सिल्क traditional से बना है जो कि ख़ासियत है, साथ ही असम का गौरव भी है। वे also दोखोरा ’भी पहनती हैं और सलवार सूट, साड़ी आदि जैसी पोशाक पहनती हैं। शादी और त्यौहार जैसे बिहू और सरस्वती पूजा जैसे विशेष अवसरों के दौरान महिलाओं को हथकरघा उत्पाद, विशेष रूप से मेखला के वस्त्र पहनने में गर्व महसूस होता है।
बोडो जनजाति की महिलाएं मेखला को चदर के साथ पहनती हैं, जबकि थाई फेके जनजाति की महिलाएं चिरचिन नामक एक धारीदार करधनी पहनती हैं। असम के मेनफ़ोकल द्वारा पहनी जाने वाली पारंपरिक पोशाक ’सुरिया’ या ’धोती’ और ‘कमीज़’ या ’शर्ट’ है और इसके ऊपर eng सेलेंग ’नामक एक चदर फैला हुआ है।

4. बिहार:
बिहारी लोगों की पारंपरिक पोशाक में पुरुषों के लिए धोती-मिरजई या कुर्ता और महिलाओं के लिए साड़ी शामिल है। पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव ने बिहार के लोगों के जीवन को भी प्रभावित किया है जहाँ महिलाएँ साड़ी या कमीज़-सलवार पहनना पसंद करती हैं।
साड़ी को पारंपरिक रूप से "सेधा आँचल" शैली में पहना जाता है। पश्चिमी शर्ट और पतलून भी ग्रामीण और शहरी पुरुष आबादी में बहुत लोकप्रिय हो रहे हैं।

5. छत्तीसगढ़:
छत्तीसगढ़ भारत का एक केंद्रीय राज्य है। यह संस्कृति, विरासत और विभिन्न जातीय सेटों की विशाल विविधता से समृद्ध है। छत्तीसगढ़ जनजाति के लोग चमकीले और रंगीन कपड़े पहनते हैं। उन्हें अपनी गर्दन पर गहने पहनना बहुत पसंद है। छत्तीसगढ़ की पारंपरिक महिलाओं के कपड़े कुचौरा शैली की साड़ी हैं। उनकी साड़ी घुटने-लंबाई की है।
आदिवासी समूहों के पुरुष धोती पहनते हैं और सूती पगड़ी की तरह सिर ढंकते हैं। इस्तेमाल किए गए कपड़े लिनन, रेशम और कपास हैं और वे आमतौर पर पिघले हुए मोम से चित्रित होते हैं। कपड़ों में इस्तेमाल होने वाली उनकी टाई और डाई तकनीक को बाटिक कहा जाता है।

पुरातत्वविदों द्वारा पाई जाने वाली सभी वस्तुओं की एक सूची निम्न प्रकार से है -  

(1) मिट्टी के बर्तन (potteries)

(2) मूर्तियाँ (statues)

(3)  शिलालेख (inscriptions)

(4) पांडुलिपियाँ (manuscripts)

(5) गहने (ornaments)

(6) औजार (tools)

(7) कंकाल (skeleton)

(8) कपड़े (clothes)

(9) हथियार (weapons)

इनमें से अधिकतर चीजों को धरती के भीतर से निकाला जाता है।  

हथियार, मूर्तियाँ, शिलालेख, आभूषण और औजार पत्थरों से बने हो सकते हैं।  


साधारण स्त्री तथा पुरुष अपने कार्यों का विवरण क्यों नहीं रखते थे? इसके बारे में तुम क्या सोचती हो?

उन्हें हर समय अपने भोजन की चिंता ,अपने परिवार की देखभाल करने और अपने अस्तित्व को बनाए रखने में बिताया। ।  

राजा अपने राज्य और उनकी जीत के बारे में पांडुलिपियों (manuscripts) या शिलालेखों (inscriptions)के रूप में रिकॉर्ड रखते थे।


रशीदा के प्रश्न को फिर से पढ़ो। इसके क्या उत्तर हो सकते हैं?

रशीदा 100 साल पहले के इतिहास की जानकारी प्राप्त करना चाहती है। वह समझ नहीं पा रही है कि वह यह जानकारी कैसे प्राप्त करें। इसका उत्तर यह है कि वह उस काल के स्रोतों का अध्ययन करें।

इन स्रोतों में उस काल की पुस्तकें (books), अवशेष , अभिलेख (inscription) , औजा़र (tools) आदि शामिल हो सकते हैं।




शिल्पकार 
वह जो हाथ से अच्छी अच्छी चीजें बनाकर तैयार करता हो । शिल्पी । कारीगर । दस्तकार । उ॰—नए नए साजों बाजों की शिल्पकार करते है 




अपने इलाके में मनाए जाने वाले विभिन्न त्योहारों की एक सूची बनाइए। इनमें से कौन-से त्योहार विभिन्न सभी समुदायों द्वारा मनाए जाते हैं?

हमारे इलाके में लगभग सभी तरह के त्योहार मनाए जाते हैं, जैसे-होली, दुर्गा पूजा, दिवाली, छठ, गुरु पर्व, ईद, बकरीद, क्रिसमस, पोंगल, रथ यात्रा, आदि। होली, दिवाली और दुर्गा पूजा प्रमुखत: हिन्दुओं का त्योहार है, जो पूरे भारत में मनाया जाता है। लेकिन हमारे इलाके में मुस्लिम और इसाई पड़ोसी भी इस त्योहार में शामिल होते हैं। उसी तरह हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख और इसाई सभी मिलकर क्रिसमस और ईद मनाते हैं। उसी तरह रथ यात्रा मुख्यत: उड़िसा में मनाया जाता है। लेकिन जब उड़िया लोग रथ यात्रा निकालते हैं तो सभी पड़ोसी उसमें भाग लेने की कोशिश करते हैं। जब सिक्ख लोग लोहड़ी मनाते है तो सभी समुदाय के लोग इस उत्सव का मजा लेते हैं। छ्ठ पूजा मुख्यरूप से बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाई जाती है। लेकिन हमारे इलाके में जिस तालाब पर छ्ठ पूजा मनाई जाती है। इसे देखने के लिए हर समुदाय और हर वर्ग के लोग उपस्थित होते हैं।


आपके विचार में भारत की समृद्ध और विविध विरासत आपके जीवन को कैसे बेहतर बनाती है?

हम जिस इलाके में रहते हैं, वहाँ भारत के लगभग सभी क्षेत्र और समुदाय के लोग निवास करते हैं। यहाँ का माहौल एक छोटे भारत की तरह लगता है। जिससे मुझे उन सभी के खान-पान, रहन-सहन, पर्व त्योहार को जानने और समझने का अवसर मिला। भारत के विभिन्न क्षेत्रो के लोगों से मिलने से पूरे भारत को देखने और समझने का मौका मिला। इससे नई-नई चीजों की जानकारी प्राप्त हुई। जिसके फलस्वरूप सभी धर्म, जाति और क्षेत्र के प्रति आदर की भावना जागृत हुई।


आपके अनुसार ‘अनेकता में एकता’ का विचार भारत के लिए कैसे उपयुक्त है? भारत की खोज किताब से लिए गए इस वाक्यांश में नेहरू भारत की एकता के बारे में क्या कहना चाह रहे हैं?

हमारे विचार से ‘अनेकता में एकता’ का विचार भारत के लिए बहुत उपयुक्त है। भारत की खोज किताब में जवाहर लाल नेहरू ने लिखा है कि भारतीय एकता बाहर से थोपी हुई चीज नहीं है, बल्कि “यह बहुत गहरी है जिसके अंदर अलग-अलग तरह के विश्वास और प्रथाओं को स्वीकार करने की भावना है। इसमें विविधता को पहचाना और प्रोत्साहित किया जाता है।” इन सारे तत्वों का वर्णन करते हुए उन्होंने ही ‘अनेकता में एकता’ के विचार से हमें अवगत कराया।
नेहरू जी के कहने का मतलब था कि भारत में एकता किसी बाहरी शक्ति द्वारा नही थोपी गई है। इसकी नींव बहुत गहरी है। अलग-अलग तरह के विश्वास और प्रथाओं को स्वीकार करने की भावना के कारण यह बहुत वर्षों में विकसित हुआ है। भारत हमेशा से विभिन्न सभ्यता और संस्कृति को अपनाता रहा है। सदियों से यहाँ के लोग विभिन्न तरह की आस्था में विश्वास रखते आ रहे हैं।


जालियाँवाला बाग हत्याकांड के ऊपर लिखे गए गाने की उस पंक्ति को चुनिए जो आपके अनुसार भारत की एकता को निश्चित रूप से झलकाती है।

मेरे विचार से जालियाँवाला बाग हत्याकांड के उपर लिखे गए गाने में निम्नलिखित पंक्ति में भारत की एकता की निश्चित रूप से झलक मिलती है।
हिंदू औ’ मुस्लिमों की, होती है आज होली
बहते हैं एक रंग में, दामन भीगो के जना
इतिहास की किताबों में यह उल्लेख मिलता है कि जलियाँवाला बाग में उस दिन सभी समुदायों के लोग वैशाखी के मेले में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में एकत्रित हुए थे। उस दिन लोग निहत्थे शांतिपूर्ण सत्यपाल और सैफुद्दीन किचलू की गिरफ्तारी के विरोध में सभा कर रहे थे। उसी समय उस निहत्थी भीड़ पर गोला बारूद चलाए जाने लगे। सभी समुदाय के लोगों ने मौत आने तक अपनी एकता का प्रदर्शन किया।













Comments

Popular posts from this blog

CBSE CLASS 10 BOARD 2024 ALL IMPORTANT QUESTIONS

पाठ 7 - लोकतंत्र के परिणाम लोकतांत्रिक राजनीति (NOTES) / (MCQ ) / IMP QUE ANS CLASS 10 CBSE BOARD

गरीबी एक चुनौती के रूप में कक्षा 9 अर्थशास्त्र अध्याय 3 एमसीक्यू, प्रश्न उत्तर