CBSE CLASS 10 BOARD 2024 ALL IMPORTANT QUESTIONS

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CBSE  CLASS 10   BOARD  2024 ALL IMPORTANT  QUESTIONS  COVERS ALL TOPICS .PRACTICE AND GET FUL MARKS   CBSE Class 10 English Grammar Important MCQs - Gap Filling Choose the correct options to fill in the blanks to complete the note about the wangala Festival of Meghalaya.  1. The Wangala (i) __________ festival for the Garo in Meghalaya, Assam and Nagaland. It is a postharvest festival (ii) __________ the end of the agricultural year. It is popularly known as ‘The Hundred Drums’ festival. During the signature dance, the leading warrior (iii) __________ with synchronised 7 dance steps and specific hand-head movements.  (i) (a) is important  ( b) are an important  (c) was the important  (d) is an important  (ii) (a) being celebrated for marking ( b) celebrated to mark ( c) celebrate to mark  (d) being celebrated for mark  (iii) (a) leads the youngsters ( b) lead the youngsters ( c) was leading the youngsters  ...

Class 9 History Chapter 3 नात्सीवाद और हिटलर का उदय important notes AND MCQ

                 

Class 9 History Chapter 3 

      नात्सीवाद और हिटलर का उदय        

                                                              Notes In Hindi


Class 9 History Chapter 3 नात्सीवाद और हिटलर का उदय Nazims and The Rise of Hitler

नात्सीवाद और हिटलर का उदय 

🔹 जर्मनी ने ऑस्ट्रियाई साम्राज्य के साथ और मित्र राष्ट्रों (इंग्लैंड, फ्रांस और रूस) के खिलाफ प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) लड़ा ।

🔹 जर्मनी ने शुरू में फ्रांस और बेल्जियम पर कब्जा करके लाभ कमाया । हालाँकि, मित्र राष्ट्रों ने 1918 में जर्मनी और केंद्रीय शक्तियों को हराकर जीत हासिल की ।

🔹 वीमर में एक नेशनल असेंबली की बैठक हुई और एक संघीय ढांचे के साथ एक लोकतांत्रिक संविधान की स्थापना की ।

🔹 जून 1919 में वर्साय की संधि पर हस्ताक्षर हुए जिसमें जर्मनी के ऊपर मित्र शक्तियों ने कई अपमानजनक शर्तें थोपी जैसे :-

  • युद्ध अपराध बोध अनुच्छेद के तहत छह अरब पौंड का र्जुमाना लगाना । 
  • युद्ध में हुए क्षति के लिए सिर्फ जर्मनी को जिम्मेदार मानना । 
  • जर्मनी को सैन्यविहीन करना । 
  • सारे उपनिवेश 10 % आबादी 13 % भू – भाग , 75 % लौह भंडार और 26 % कोयला भंडार का मित्र राष्ट्रों में आपस में बाँट लेना आदि ।
वर्साय की संधि द्वारा जर्मनी में वाइमर गणराज्य की स्थापना हुई ।

❇️ वाइमर गणराज्य के सामने आई समस्याएँ :-

🔶 वाइमर संधि :-

🔹 वर्साय में हुई शांति – संधि की वजह से जर्मनी को अपने सारे उपनिवेश , तकरीबन 10 प्रतिशत आबादी , 13 प्रतिशत भूभाग , 75 प्रतिशत लौह भंडार और 26 प्रतिशत कोयला भंडार फ्रांस , पोलैंड , डेनमार्क और लिथुआनिया के हवाले करने पड़े ।

🔹 मित्र राष्टों ने उसकी सेना भी भंग कर दी । यद्ध अपराधबोध अनुच्छेद के तहत युद्ध के कारण हुई सारी तबाही के लिए जर्मनी को ज़िम्मेदार ठहराकर उस पर छः अरब पौंड का जुर्माना लगाया गया । खनिज संसाधनों वाले राईनलैंड पर भी बीस के दशक में ज़्यादातर मित्र राष्ट्रों का ही क़ब्ज़ा रहा ।

🔶 आर्थिक संकट :- 

🔹 युद्ध में डूबे हुए ऋणों के कारण जर्मन राज्य आर्थिक रूप से अपंग हो गया था जिसका भुगतान सोने में किया जाना था । इसके बाद , सोने के भंडार में कमी आई और जर्मन निशान का मूल्य गिर गया । आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छूने लगीं ।

🔶 राजनीतिक संकट :-

🔹 राष्ट्रीय सभा द्वारा वाडमर गणराज्य का विकास तथा सुरक्षा के रास्ते पर लाने के लिए एक नये जनतांत्रिक संविधान का निर्माण किया गया , किन्तु यह अपने उद्देश्य में असफल रहा । संविधान में बहुत सारी कमजोरियाँ थीं । आनुपातिक प्रतिनिधित्व संबंधी नियमों तथा अनुच्छेद 48 के कारण एक राजनीतिक संकट पैदा हुआ जिसने तानाशाही शासन का रास्ता खोल दिया ।

❇️ युद्ध के प्रभाव :-

  • युद्ध से मनोवैज्ञानिक और आर्थिक रूप से पूरे महाद्वीप पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा । 
  • यूरोप कल तक कर्ज देने वालों का महाद्वीप कहलाता था जो युद्ध खत्म होते – होते कर्जदारो का महाद्वीप बन गया
  • पहले महायुद्ध ने यूरोपीय समाज और राजनीतिक व्यवस्था पर अपनी गहरी छाप छोड़ दी थी । 
  • सिपाहियों को आम नागरिकों के मुकाबले ज्यादा सम्मान दिए जाने लगा । 
  • राजनेता और प्रचारक इस बात पर जोर देने लगे कि पुरुषों को आक्रामक , ताकतवर और मर्दाना गुणों वाला होना चाहिए ।

❇️ राजनीतिक रैडिकलवाद और आर्थिक संकट :-

 राजनीतिक रैडिकलवादी विचारों को 1923 के आर्थिक संकट से और बल मिला जर्मनी ने पहला विश्वयुद्ध मोटे तौर पर कर्ज लेकर लड़ा था ।

🔹 युद्ध के बाद तो उसे स्वर्ण मुद्रा में हर्जाना भी भरना पड़ा । इस दोहरे बोझ से जर्मनी के स्वर्ण भंडार लगभग खत्म होने की स्थिति में पहुंच गए थे ।

🔹 आखिरकार 1923 में जर्मनी ने कर्ज और हर्जाना चुकाने से इंकार कर दिया । इसका जवाब में फ्रांसीसियों ने जर्मनी के मुख्य औद्योगिक इलाके रूर पर कब्जा कर लिया ।

🔹 यह जर्मनी के विशाल कोयला भंडारों वाला इलाका था । जर्मन सरकार ने इतने बड़े पैमाने पर मुद्रा छाप दी की उसकी मुद्रा मार्क का मूल्य तेजी से गिरने लगा ।

🔹 अप्रैल में एक अमेरिकी डॉलर की कीमत 24,000 मार्क के बराबर थी । जो जुलाई में 3,53,000 मार्क और अगस्त में 46,21,000 मार्क तथा दिसंबर में 9,88,60,000 मार्क हो गई ।

🔶 अति – मुद्रास्फीति :-

🔹 जैसे – जैसे मार्क की कीमत गिरती गई , जरूरी चीजों की कीमत आसमान छूने लगी जर्मन समाज दुनिया भर में हमदर्दी का पात्र बनकर रह गया इस संकट को बाद में अति – मुद्रास्फीति का नाम दिया गया । जब कीमतें बेहिसाब बढ़ जाती है तो उस स्थिति को अति मुद्रास्फीति का नाम दिया जाता है ।

❇️ मंदी के साल :-

  • 1924 से 1928 तक जर्मनी में कुछ स्थिरता रही लेकिन यह स्थिरता मानव रेत के ढेर पर खड़ी थी ।
  • जर्मन निवेश और औद्योगिक गतिविधियों में सुधार मुख्यत : अमेरिका से लिए गए अल्पकालिक कर्जो पर आश्रित था ।
  • जब 1929 में शेयर बाजार धराशाई हो गया तो जर्मनी को मिल रही यह मदद भी रातों – रात बंद हो गई ।
  • कीमतों में गिरावट की आशंका को देखते हुए लोग धड़ाधड़ अपने शेयर बेचने लगे 24 अक्टूबर को केवल 1 दिन में 1.3 करोड़ शेयर बेच दिए गए ।
  • यह आर्थिक महामंदी की शुरुआत थी फैक्ट्रियां बंद हो गई थी , निर्यात गिरता जा रहा था , किसानों की हालत खराब थी , सट्टेबाज बाजार से पैसा खींचते जा रहे थे ।
  • अमेरिकी अर्थव्यवस्था में आई इस मंदी का असर दुनियाभर में महसूस किया गया और सबसे बुरा प्रभाव जर्मन अर्थव्यवस्था पर पड़ा ।
  • मजदूर या तो बेरोजगार होते जा रहे थे या उनके वेतन काफी गिर चुके थे बेरोजगारों की संख्या 60 लाख तक जा पहुंची ।

❇️ नात्सीवाद :-

🔹 यह एक सम्पूर्ण व्यवस्था और विचारों की पूरी संरचना का नाम है । जिसका जनक हिटलर को माना जाता है । जर्मन साम्राज्य में यह एक विचारधारा की तरह फ़ैल गई थी जो खास तरह की मूल्य – मान्यताओं , एक खास तरह के व्यवहार सम्बंधित था ।

❇️ नाजीयों का विश्व दृष्टिकोण :-

  • राष्ट्रीय समाजवाद का उदय ।
  • सक्षम नेतृत्व ।
  • नस्ली कल्पनालोक ( यूजोपिया )
  • जीवन परिधि ( लेबेन्सत्राउम ) अपने लोगों को बसाने के लिए ज्यादा से ज्यादा इलाकों पर कब्जा करना ।
  • नस्लीय श्रेष्ठता शुद्ध और नार्डिक आर्यो का समाज ।

❇️ जर्मनी में हिटलर के उदय के कारण :-

  • वर्साय की संधि शर्ते ।
  • वाइमर रिपब्लिक की कमजोरियों ।
  • आमूल परिवर्तन वादियों और समाजवादियों में आपसी फूट ।
  • नात्सी प्रोपेगैंडा ।
  • सर्वघटाकारण का भय ।
  • बेरोजगारी ।
  • आर्थिक महामंदी ।

❇️ हिटलर का उदय :-

  • हिटलर ने 1919 में वर्कर्स पार्टी की सदस्यता ली और धीरे – धीरे उसने इस संगठन पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया । 
  • फिर उसे सोशलिस्ट पार्टी का नाम दे दिया ।
  • यही पार्टी बाद में नात्सी पार्टी के नाम से जाना गया ।
  • महामंदी के दौरान जब जर्मन अर्थव्यवस्था जर्जर हो चुकी थी काम धंधे बंद हो रहे थे ।
  • मजदुर बेरोजगार हो रहे थे ।
  • जनता लाचारी और भुखमरी में जी रही थी तो नात्सियों ने प्रोपेगैंडा के द्वारा एक बेहतर भविष्य की उम्मीद दिखाकर अपना नात्सी आन्दोलन चमका लिया । 
  • और इसी के बाद चुनावों में 32 फीसदी वोट से हिटलर जर्मन का चांसलर बना ।

❇️ हिटलर की राजनैतिक शैली :-

  • वह लोगों को गोल बंद करने के लिए आडंबर और प्रदर्शन करने में विश्वास रखता था ।
  • वह लोगों का भारी समर्थन दर्शाने और लोगों में परस्पर एकता की भावना पैदा करने के लिए बड़े बड़े रैलियाँ और सभाएँ करता था ।
  • स्वस्तिक छपे लाल झंडे , नात्सी सैल्यूट का प्रयोग किया करता था और भाषण खास अंदाज में दिया करता था । 
  • भाषणों के बाद तालियाँ भी खास अंदाज ने नात्सी लोग बजाया करते थे । 
  • चूँकि उस समय जर्मनी भीषण आर्थिक और राजनीतिक संकट से गुजर रहा था इसलिए वह खुद को मसीहा और रक्षक के रूप में पेश कर रहा था जैसे जनता को इस तबाही उबारने के लिए ही अवतार लिया हो ।

❇️ जर्मनी में नात्सीवाद को लोकप्रियता :-

🔹 1929 के बाद बैंक दिवालिया हो चुके , काम धंधे बंद होते जा रहे थे , मजदुर बेरोजगार हो रहे थे और मध्यवर्ग को लाचारी और भुखमरी का डर सता रहा था । 

🔹 नात्सी प्रोपेगैंडा में लोगों को एक बेहतर भविष्य की उम्मीद दिखाई देती थी । धीरे – धीरे नात्सीवाद एक जन आन्दोलन का रूप लेता गया और जर्मनी में नात्सीवाद को लोकप्रियता मिलने लगी ।

🔹 हिटलर एक जबरदस्त वक्ता था । उसका जोश और उसके शब्द लोगों को हिलाकर रख देते थे । वह अपने भाषणों में एक शक्तिशाली राष्ट्र की स्थापना , वर्साय संधि में हुई नाइंसाफी जर्मन समाज को खोई हुई प्रतिष्ठा वापस दिलाने का आश्वासन देता था । 

🔹 उसका वादा था कि वह बेरोजगारों को रोजगार और नौजवानों को एक सुरक्षित भविष्य देगा । उसने आश्वासन दिया कि वह देश को विदेशी प्रभाव से मुक्त कराएगा और तमाम विदेशी ‘ साशिशों ‘ का मुँहतोड़ जवाब देगा ।

❇️ नात्सियों ने जनता पर पूरा नियंत्रण करने के तरीके :-

🔹 हिटलर ने राजनीति की एक नई शैली रची थी । वह लोगों को गोलबंद करने के लिए आडंबर और प्रदर्शन की अहमियत समझता था ।

🔹 हिटलर के प्रति भारी समर्थन दर्शाने और लोगों में परस्पर एकता का भाव पैदा करने के लिए नात्सियों ने बड़ी – बड़ी रैलियाँ और जनसभाएँ आयोजित कीं ।

🔹 स्वस्तिक छपे लाल झंडे , नात्सी सैल्यूट और भाषणों के बाद खास अंदाज में तालियों की गड़गड़ाहट।ये सारी चीजे शक्ति प्रदर्शन का हिस्सा थीं ।

🔹 नात्सियों ने अपने धूआँधार प्रचार के जरिये हिटलर को एक मसीहा , एक रक्षक , एक ऐसे व्यक्ति के रूप में पेश किया , जिसने मानो जनता को तबाही से उबारने के लिए ही अवतार लिया था ।

🔹 एक ऐसे समाज को यह छवि बेहद आकर्षक दिखाई देती थी जिसकी प्रतिष्ठा और गर्व का अहसास चकनाचूर हो चुका था और जो एक भीषण आर्थिक एवं राजनीतिक संकट से गुजर रहा था ।

❇️ लोकतंत्र का ध्वंस :-

🔹 30 जनवरी 1933 को राष्ट्रपति हिंडनबर्ग ने हिटलर को चांसलर का पदभार संभालने का न्योता दिया यह मंत्रिमंडल में सबसे शक्तिशाली पद था सत्ता हासिल करने के बाद हिटलर ने लोकतांत्रिक शासन की संरचना और संस्थाओं को भंग करना शुरू कर दिया ।

🔹 फरवरी महीने में जर्मन संसद भवन में हुए रहस्यमय अग्निकांड से उसका रास्ता और आसान हो गया । इसके बाद हिटलर ने अपने कट्टर शत्रु कम्युनिस्टो पर निशाना साधा ज्यादातर कम्युनिस्टों को रातो रात कंस्ट्रक्शन कैंपों में बंद कर दिया गया ।

🔹 मार्च 1933 को प्रसिद्ध विशेषाधिकार अधिनियम ( इनेबलिंग एक्ट ) पारित किया गया । इस कानून के जरिए जर्मनी में बाकायदा तानाशाह स्थापित कर दी गई । नात्सी पार्टी और उससे जुड़े संगठनों के अलावा सभी राजनीतिक पार्टियों और ट्रेड यूनियनों पर पाबंदी लगा दी गई ।

🔹 किसी को भी बिना कानूनी कार्रवाई के देश से निकाला जा सकता था या गिरफ्तार किया जा सकता था ।

❇️ द्वितीय विश्व युद्ध का अंत :-

🔹 जब द्वितीय विश्व युद्ध में अमेरिका कूद पड़ा । तो धूरी राष्ट्रों को घुटने टेकने पड़े , इसके साथ ही हिटलर की पराजय हुआ और जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहर पर अमेरिका के बम गिराने के साथ द्वितीय विश्व युद्ध का अंत हो गया ।

❇️ नात्सी जर्मनी में युवाओं की स्थिति :-

  • जर्मन और यहूदियों के बच्चे एक साथ बैठ नहीं सकते थे ।
  • जिप्सयों , शारीरिक रूप से अक्षम तथा यहूदियों को स्कूल से निकाल दिया गया । 
  • स्कूली पाठ्य पुस्तक को फिर से लिखा गया जहाँ ‘ नस्लीय भेदभाव को बढ़ावा दिया गया । 
  • 10 साल की उम्र के बच्चों को ‘ युगफोंक ‘ में दाखिल करा दिया जाता था जो एक युवा संगठन था । 
  • 14 साल की उम्र में सभी लड़कों को ‘ हिटलर यूथ ‘ की सदस्यता अनिवार्य कर दी गई ।

❇️ महिलाओं की स्थिति :-

  • लड़कियों को अच्छी माँ और शुद्ध रक्त वाले बच्चों को जन्म देना उनका प्रथम कर्तव्य बताया जाता था । 
  • नस्ल की शुद्धता बनाए रखना , यहूदियों से दूर रहना और बच्चों का नात्सी , मूल्य मान्यताओं की शिक्षा देने का दायित्व उन्हें सौंपा गया । 
  • 1933 में हिटलर ने कहा – मेरे राज्य की सबसे महत्वपूर्ण नागरिक माँ है । 
  • नस्ली तौर पर वांछित बच्चों को जन्म देने वाली माताओं को अस्पताल में विशेष सुविधाएँ , दुकानों में ज्यादा छूट थियेटर और रेलगाड़ी के सस्ते टिकट और ज्यादा बच्चे पैदा करने वाली माताओं को कांसे , चाँदी और सोने के लगाये दिए जाते थे । 
  • लेकिन अवांछित बच्चों को जन्म देने वाली माताओं को दंडित किया जाता था । आचार संहिता का उल्लंघन करने पर उन्हें गंजा कर मुँह पर कालिख पोत पूरे समाज में घुमाया जाता था । न केवल जेल बल्कि उनसे तमाम नागरिक सम्मान और उनके पति व परिवार भी छीन लिए जाते थे ।
MULTIPLE CHOICE QUESTIONS 

1. 9 नवंबर, 1918 ई0 से पहले ज्रमनी का सम्राट् कौन था ?
  • फ्रेडरिक एबर्टcorrect
  • कैसर विलियमwrong
  • शीडमैन
  • गुस्ताव स्ट्रेसमन
2. जर्मनी के वाइमर गणतंत्र का प्रथम राष्ट्रपति कौन था ?
  • एबर्टcorrect
  • शीडमैन
  • हिटलर
  • गुस्ताव स्ट्रेसमन


3. प्रथम विश्व युद्ध में कौन-से मित्र राष्ट्र थे ?
  • रुस-इंग्लैंड-फ्रांसcorrect
  • जापान-इटली-जर्मनीwrong
  • आस्ट्रिया-जर्मनी-रुस
  • इनमें से कोई नहीं।
4. प्रथम विश्व युद्ध के बाद मित्र-राष्ट्रों ने जर्मनी के जिस समृद्ध प्रदेश पर अधिकार कर लिया वह था ?
  • म्यूनिख
  • बर्लिनwrong
  • राइनलैंडcorrect
  • बोन
5. वाइमर गणराज्य की सबसे अधिक आलोचना कब हुई ?
  • वर्सेय की अपमानजनक संधि पर हस्ताक्षर करने के कारणcorrect
  • संसदीय प्रणाली लागू करने के कारण
  • प्रजातांत्रिक संविधान लागू करने के कारण
  • उपरोक्त में से कोई नहीं


6. प्रथम विश्व युद्ध की क्षति पूर्ति के रुप में जर्मनी पर कितना हरजाना डाला गया ?
  • 3 अरब डालर
  • 4 अरब डालर
  • 5 अरब डालर
  • 6 अरब डालर
    correct


7. संसार का सबसे बड़ा स्टाक एक्सचेंज वाला स्ट्रीट एक्सचेंज स्थित है ?
  • जर्मनी में
  • फ्रांस में
  • अमेरिका मेंcorrect
  • इंग्लैंड में


8. 1929 की आर्थिक महामंदी के समय जर्मनी में बेरोजगारों की संख्या कितनी जा पंहुजी ?
  • 6 लाख
  • 60 लाखcorrect
  • 6 करोड
  • 60 करोड


9. वाइमर सविंधान की त्रुटि थी, जो स्थायी शासन में बाधक थी ?
  • आनुपातिक प्रतिनिधित्वcorrect
  • संसदीय प्रणाली
  • नागरिक अधिकार
  • उपरोक्त सभी


10. हिटलर ने सबसे पहले सत्ता हथियाने की योजना कब बनाई, जिसमें वह असफल रहा ?
  • 1919 में
  • 1920 में
  • 1923 मेंcorrect
  • 1930 में


11. जर्मनी में नात्सीवाद एक जनव्यापी आंदोलन कब बना ?
  • प्रथम महायुद्ध के दौरान
  • महामंदी के दौरानcorrect
  • महामंदप के बाद
  • इनमें से कोई नहीं


12. जर्मन संसद् क्या कहलाती थी ?
  • राइख
  • ड्यूमा
  • गास्टैपो
  • रीशस्टागcorrect


13. हिटलर द्वारा लिखित पुस्तक हऐ जिसमें नात्सीवाद के सिद्धांत दिए गए हैं कौन-सी है ?
  • मेरा संघर्ष (मीन कैंफ)correct
  • वैल्थ आफ नेशनस
  • स्पिरिट आफ लाज
  • नाजीतंत्र


14. हिटलर जर्मनी का चांसलर कब बना?
  • 30 जनवरी, 1929 ई0
  • 28 फरवरी, 1933 ई0
  • 30 जनवरी, 1933 ई0correct
  • 3 मार्च 1933 ई0


15. विशेषाधिकार अधिनियम (Enabling Act) जिसके द्वारा हिटलर जर्मनी का तानासाह बना,पारित कब हुआ ?
  • 0 जनवरी, 1933
  • 3 मार्च 1933
  • 30 मार्च, 1933correct
  • इनमें से कोई नहीं


16. हिटलर की गुप्तचर पुलिस क्या कहलाती थी ?
  • तूफानी दस्ता
  • गास्टैपोcorrect
  • एस.डी.
  • एस. ए.


17. हिटलर के तूफानी दस्तों में शामिल था ?
  • राज्य की गुप्तजर पुलिस
  • एस. एस.
  • एस. डी.
  • उपरोक्त सभीcorrect
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